हिन्दू धर्म में नवरात्रि का अपना महत्व हैं एवं साधना की दृष्टि से इसका महत्व कई अधिक बढ़ जाता हैं.. प्रति वर्ष ग्रहों की विशेष स्थिति को देखते हुए हमारे ऋषि मुनिओं द्वारा वर्ष में चार नवरात्रि मनाये जाने की परम्परा दी , इनमें से दो गुप्त नवरात्रि तंत्र साधकों के लिए व दो नवरात्रि सार्वजानिक रूप से सभी के लिए होती हैं। इन्हीं में चैत्र नवरात्रि का आरंभ हिन्दू पंचाग के प्रथम माह चैत्र से होता हैं एवं हिन्दुओं का नववर्ष भी इसी दिन मनाया जाता हैं... नवरात्रि 'शक्ति' की उपासना हैं। शक्ति क्या हैं..? शक्ति गति हैं, बल हैं, ऊर्जा हैं। समस्त ब्रह्माण्ड में व्याप्त जो ऊर्जा हैं वहीं 'शक्ति' हैं, मनुष्य शरीर में जो ऊर्जा गतिमान है वह 'शक्ति' है। सृष्टि का संचालन भी इसी से हैं और विनाश का कारण भी यहीं शक्ति हैं। सूक्ष्म से लेकर वृहद तक शक्ति सर्वत्रव्याप्त हैं। वर्ष में ग्रहों की विशेष स्थिति के कारण यह ऊर्जा अपने शिखर पर होती हैं अतः इसी समय को सदुपयोग हेतु ऊर्जा व शक्ति के विभिन्न रूपों कों नवरात्रि के स्वरूप में उपासना की जाती हैं एवं मूर्त रूप में शक्ति की ...
Mahamandaleshwar, Juna Akhara